Wednesday, October 30, 2019


वो आँखें
वो हंसी
वो चेहरा
वो शब्द
और उन लटों की सादगी
बहुत अपरिचित है
मेरी हर उदसी से
क्योंकि उनसे रिश्ता है मेरा
बस एक मुस्कुराहट का।
"विवेक तिवारी"

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